राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) पर घूस मांगने का गंभीर आरोप लगा है। एजेंसी के तीन अधिकारियों पर टेरर फंडिंग मामले में कथित घूस मांगने का आरोप है। इसे लेकर एजेंसी के प्रवक्ता ने कहा कि डीआईजी रैंक के अधिकारी द्वारा आरोपों की जांच की जा रही है। तीनों अधिकारियों का तबादला कर दिया गया है ताकि मामले की निष्पक्ष जांच हो सके।
यह मामला तब सामने आया जब एक उद्योगपति ने शिकायत की कि एनआईए के तीन अधिकारी उसका नाम फलाह-ए-इंसानियत मामले से हटाने के एवज में दो करोड़ रुपये देने के लिए दबाव बना रहे हैं। टेरर फंडिंग के इस मामले में मुंबई आतंकी हमलों का मास्टरमाइंड हाफिज सईद भी शामिल है। तीनों अधिकारियों का तबादला कर दिया गया है।
इस मामले पर टिप्पणी करते हुए एनआईए के प्रवक्ता ने कहा, ‘इस मामले में एनआईए को एक शिकायत मिली है। डीआईजी रैंक के अधिकारी इन आरोपों की जांच करेंगे। इसी बीच निश्पक्ष जांच सुनिश्चित करने के लिए तीनों अधिकारियों का तबादला कर दिया गया है।’
एनआईए कैडर में शामिल एसपी पहले भी कई महत्वपूर्ण मामलों से जुड़े रहे हैं जिसमें समझौता एक्सप्रेस और अजमेर शरीफ आतंकी मामले शामिल हैं। दो अन्य अधिकारियों में एक सहायक उप निरीक्षक (एएसआई) और एक फिंगर प्रिंट एक्सपर्ट है। जिन्हें की वापस सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) और राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) भेज दिया गया है।
डीआईजी स्तर के अधिकारी को मामले की जांच के लिए अधिकृत किया गया है। एनआईए के महानिदेशक (डीजी) ने एजेंसी की छवि को खराब होने से बचने के लिए स्थानांतरण का आदेश दिया है। एक उच्च अधिकारी ने कहा, ‘एनआईए इस तरह के आरोपों को गंभीरता से लेती है। इसे छुपाने की बिलकुल कोई कोशिश नहीं हुई है।’
सूत्रों ने कहा कि एक बार जांच पूरी हो जाए। इसके बाद डीजी और गृह मंत्रालय मामले में कार्रवाई को लेकर फैसला लेंगे।
गुरुग्राम के उद्योपति ने एक महीने पहले एनआईए से एसपी और दो कनिष्ठ अधिकारियों की शिकायत की थी। तीनों अधिकारी पाकिस्तान के आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा के मुखिया हाफिज सईद के द्वारा चलाए जाने वाले फलाह-ए-इंसानियत की जांच कर रहे थे।