केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) ने बुधवार देर रात पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम (P Chidambaram) को आईएनएक्स मीडिया (INX Media Case) से संबंधित मामले में गिरफ्तार कर लिया. रात भर वो सीबीआई हेडक्वार्टर में रहे. सूत्रों के मुताबिक CBI ने चिदंबरम से फिर से पूछताछ शुरू कर दी है. इससे पहले रात को भी उनसे पूछताछ हुई थी. बता दें कि चिदंबरम को सीबीआई हेडक्वार्टर के गेस्ट हाउस के सुइट नंबर 5 में रखा गया है. गिरफ्तार करने के बाद उन्हें राम मनोहर लोहिया अस्पताल ले जा गया, जहां उनकी मेडिकल टेस्ट कराई गई.
आज होगी पेशी
चिदंबरम को आज सीबीआई की विशेष अदालत में पेश किया जाएगा. सूत्रों ने बताया कि उन्हें शाम चार से पांच बजे के बीच कोर्ट में पेश किया जाएगा. इसके साथ ही उन्होंने बताया कि सीबीआई कोर्ट से 7 दिन की रिमांड की मांग कर सकती है. ये भी कहा जा रहा है कि उनसे पूछताछ के बाद सीबीआई इस मामले में चार्जशीट फाइल कर सकती है.
गिरफ्तारी के दौरान ड्रामा
सीबीआई के करीब 30 अधिकारियों की टीम बुधवार रात दिल्ली पुलिस के अधिकारियों के साथ जोर बाग स्थित चिदंबरम के घर पर पहुंची. मेन गेट नहीं खोला गया तो अधिकारियों ने परिसर की दीवार फांदकर घर में प्रवेश किया. बाद में प्रवर्तन निदेशालय (ED) की एक टीम भी वहां पहुंची. करीब एक घंटे की मशक्कत के बाद चिदंबरम को गिरफ्तार किया गया.
27 घंटे का ड्रामा
सीबीआई और ईडी की टीम करीब 27 घंटे से पी चिदंबरम की तलाश कर रही थी. लेकिन चिदंबरम अपने घर पर मौजूद नहीं थी. चिदंबरम की तलाश में सीबीआई की टीम मंगलवार शाम से तीन बार उनके घर गई. लेकिन हर बार उन्हें खाली हाथ लौटना पड़ा. सीबीआई अधिकारियों ने मंगलवार देर रात उनके घर के बाहर नोटिस चिपकाते हुए उन्हें दो घंटे के अंदर पेश होने को कहा था. इसके बाद सीबीआई और ईडी की तरफ से चिदंबरम के खिलाफ लुकआउट नोटिस भी जारी किया गया था.
मीडिया के सामने चिदंबरम
इससे पहले 24 घंटे तक गायब रहने वाले चिदंबरम बुधवार रात अचनाक ही कांग्रेस मुख्यालय पहुंचे. वहां उन्होंने मीडिया को बताया कि उनके खिलाफ लगाए गए आरोप झूठे हैं. इस दौरान उनके साथ कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अहमद पटेल, कपिल सिब्बल, सलमान खुर्शीद और अभिषेक मनु सिंघवी भी मौजूद थे.
सुप्रीम कोर्ट से झटका
इससे पहले मंगलवार को गिरफ्तारी से बचने के लिए दिन भर चिदंबरम के वकील सुप्रीम कोर्ट का चक्कर काटते रहे, लेकिन कोर्ट ने उनके केस को सुनने से इनकार कर दिया. सुप्रीम कोर्ट की दलील थी कि ये ऐसा मामला नहीं है जिस पर तुरंत सुनवाई हो. कोर्ट ने कहा कि पहले इस केस को लिस्ट किया जाए.