IAS बुशरा बानो की सक्सेस स्टोरी: सोशल मीडिया को बनाया हथियार और क्लियर कर दिया UPSC

नई दिल्ली: जिंदगी की असली उड़ान अभी बाकी है, मंजिल के कई इम्तिहान अभी बाकी है, अभी तो नापी है मुट्ठी भर ज़मीं हमने, अभी तो सारा आसमान बाकी है. एक कहानी ऐसी महिला की, जोकि सब कुछ हासिल करने के बाद भी उनके दिल में कुछ कसक सी रह गयी थी. जो हर समय उन्हें चुभती, “कुछ करो देश के लिए”, जी हां हम बात कर रहे हैं बुशरा बानो की, जिन्होंने UPSC 2018 परीक्षा में 277 रैंक प्राप्त किया है. बुशरा बानो यूपी के कन्नौज की रहने वाली है.

बुशरा ने NDTV से बातचीत बताया वह एक मध्यवर्गीय परिवार से आती है. बुशरा अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी की रेजिडेंशियल कोचिंग अकादमी की भी छात्रा भी रही हैं. अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी (एएमयू) से पीएचडी मैनेजमेंट से करने के दौरान ही बुशरा बानो की शादी मेरठ के असमद हुसैन से हो गई. असमद एएमयू से इंजीनियरिंग की डिग्री लेकर सउदी अरब की एक यूनिवर्सिटी में पढ़ा रहे थे. शादी के बाद 2014 में बुशरा भी सउदी अरब पहुंच गईं और असिस्टेंट प्रोफेसर बन गईं.

उन्होंने बताया सउदी अरब पहुंचने के बाद हमारा जीवन अच्छे से बीत तो रहा था मगर दिल-दिमाग में सिर्फ एक ही बात आ रही थी हमें अपने देश में कुछ करना चाहिए. जिससे लोगों का भला हो सकें, यह बात मैंने अपने शोहर को बताई तो वो मान गए. हम 2016 में सऊदी अरब से हम अलीगढ वापस आ गए. यहां UPSC की तैयारी करने जुट गई. घर का काम करने के अलावा परिवार और बच्चे को संभालती, रोजाना 10 से 15 घंटे पढ़ाई करती. लोगों का माना हैं सोशल मीडिया से दूर रह कर पढ़ाई करो तो अच्छा है मगर मैंने इसका भरपूर सहयोग लिया.

उन्होंने बताया कि UPSC 2016 रिजल्ट में मेरा नाम नहीं आया. मैंने हिम्मत नहीं हारी, दोबारा मैंने मेहनत करके तैयारी की. 2018 में नतीजा सामने आया तो घर वालों का ख़ुशी का ठिकाना नहीं रहा.आखिरकार बानो उन लोगों के लिए मिसाल बनी, जो जीवन में कुछ बड़ा हासिल करना चाहते हैं. काम करो ऐसा कि पहचान बन जाये, हर कदम ऐसा चलो कि निशान बन जाये, यहां जिन्दगी तो हर कोई काट लेता है, जिन्दगी जियो इस कदर कि मिसाल बन जाये.

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