बुलंदशहर के स्याना में 3 दिसंबर 2018 को भड़की हिंसा मामले में रविवार को सात आरोपी जेल से बाहर आ गए. आरोपियों को जमानत मिलने के बाद सोमवार को बुलंदशहर हिंसा मारे गए इंस्पेक्टर सुबोध कुमार की पत्नी रजनी सिंह ने न्यूज18 से बातचीत में गंभीर आरोप लगाए हैं. उन्होंने कहा कि इससे पहले उन्हें जेल से कई बार धमकी भरे कॉल आ चुके हैं. रजनी सिंह ने कहा कि अब सभी सातों आरोपी जेल से बाहर आ चुके है, ऐसे में वे लोग उनकी और उनके बच्चों की हत्या करवा सकते हैं. उन्होंने कहा कि हाई कोर्ट को इन सातों की जमानत निरस्त कर देनी चाहिए.
‘गुनहगारों का स्वागत गलत’
बुलंदशहर हिंसा में मारे गए इंस्पेक्टर सुबोध कुमार की पत्नी ने कहा, ‘मैं खुद इस मामले की शिकायत मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से करूंगी.’ आरोपियों का स्वागत फूल-मालाओं से करने पर रजनी ने कहा कि यह पूरी तरह गलत है, क्योंकि उनके पति देश की सेवा करते हुए शहीद हो गए, जबकि आज गुनहगारों का स्वागत किया जा रहा है. वहीं, पुलिस पर सवाल खड़े करते हुए इंस्पेक्टर सुबोध की पत्नी ने कहा कि आरोपियों पर कड़ी कार्रवाई नहीं की गई.
क्या बोले डिप्टी सीएम मौर्य?
आरोपियों का स्वागत फूल-मालाओं से करने पर जारी सियासत को लेकर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य (Keshav Prasad Maurya) ने विपक्ष को नसीहत देते हुए कहा, ‘राई का पहाड़ बनाने की कोशिश नहीं होनी चाहिए.’ उपमुख्यमंत्री ने कहा कि अगर किसी आरोपी के समर्थक जेल से उसके बाहर आने पर स्वागत करते हैं तो इससे सरकार और बीजेपी (BJP) का कुछ भी लेना-देना नहीं है. विपक्ष इस बात को बेवजह तूल न दे.
क्या था मामला
गौरतलब है कि बुलंदशहर में भीड़ के हमले में इंस्पेक्टर सुबोध के अलावा एक अन्य युवक की मौत हो गई थी. यह भी बताया गया कि इंस्पेक्टर ने आत्मरक्षा में गोली चलाई थी, जिसमें सुमित नाम के युवक की मौत हो गई थी. उसकी उम्र 20 साल के करीब थी. बुलंदशहर हिंसा मामले में जिला प्रशासन ने जेल में बंद तीन आरोपियों के खिलाफ राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (रासुका) के तहत कार्रवाई की है.