मिर्जापुर (Mirzapur) के एक प्राइमरी स्कूल (Primary School) में बच्चों को मिड डे मील (Mid Day Meal) में नमक-रोटी परोसने का मामला अभी शांत ही नहीं हुआ था कि बलिया (Ballia) से एक और वीडियो सामने आया है. इसमें अलग समुदाय के बच्चों के साथ भेदभाव करने का आरोप लगा है. आरोप है कि स्कूल में मुस्लिम बच्चों को थाली की जगह पत्तों में खाना परोसा गया. वीडियो वायरल होने के बाद शिक्षा विभाग में हड़कंप मचा हुआ है. मामले में जांच रिपोर्ट भी जिलाधिकारी को सौंपी जा चुकी है.
बताया जा रहा है कि यह वायरल वीडियो तीन हफ्ते पुराना है. आरोप है कि ऊभांव थाना क्षेत्र के प्राथमिक विद्यालय चौकिया में मिड डे मील का खाना परोसने में भेदभाव किया गया, जबकि स्कूल में पर्याप्त मात्रा में थालियां मौजूद थीं. हालांकि, मामले में खंड शिक्षाधिकारी निर्भय नारायण सिंह का कहना है कि बच्चों ने अपने मन से पत्ते पर खाना खाया. उधर, बीएसए ने बताया कि मामले की जांच रिपोर्ट जिलाधिकारी के पास भेजी जा चुकी है.
भेदभाव के आरोप से किया इनकार
न्यूज18 से बातचीत में खंड शिक्षा अधिकारी निर्भय नारायण सिंह ने बताया कि मामला डेढ़ महीने पुराना है. वीडियो में जो बच्चों के साथ भेदभाव का आरोप लगाया गया है, वह पूरी तरह से निराधार है. उन्होंने बताया कि विद्यालय में करीब 35 बच्चे अल्पसंख्यक समुदाय के हैं. कुछ बच्चे मिड डे मील के लिए अपने घरों से थालियां लेकर आते हैं. उस दिन दो बच्चे जिनमें से एक मुस्लिम और एक हिंदू छात्र अपनी थाली लेकर नहीं आए थे. जब सभी बच्चे खाना खा रहे थे तो दो बच्चे खाना नहीं खा रहे थे. अध्यापकों ने जब वजह पूछी तो उन्होंने बताया कि वे अपनी थाली लेकर नहीं आए हैं. दोनों छात्रों को स्कूल में मौजूद थाली में खाना खाने को कहा गया, लेकिन उन्होंने मना कर दिया. इसके बाद उन्होंने पत्ते पर खाना खाया. खंड शिक्षा अधिकारी ने बताया कि वायरल वीडियो की जांच कर उन्होंने 26 जुलाई को अपनी जांच रिपोर्ट जिलाधिकारी को सौंप दी है.