ABVP ने DU में बोस और भगत सिंह की आड़ में रातोंरात लगा दी सारवरकर की मूर्ति, हंगामा

दिल्ली यूनिवर्सिटी के छात्र संघ चुनाव से पहले एबीवीपी ने नॉर्थ कैंपस स्थित आर्ट फैकल्टी के गेट पर बिना इजाजत सुभाष चंद्र बोस, भगत सिंह के साथ सारवरकर की प्रतिमा लगा दी। इस मूर्ति प्रकरण के बाद कॉलेज से सियासत तक गरमाई हुई है।

दिल्ली यूनिवर्सिटी छात्र संघ (डूसू) का चुनाव 12 सितंबर को होगा। डूसू चुनाव का नोटिफिकेशन जारी हो गया है। इससे पहले ही अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद् ने रातों रात ही सावरकर, सुभाष चंद्र बोस और भगत सिंह की मूर्ति डीयू कैंपस में लगा दी है। इन मूर्तियों को लेकर बड़ा विवाद खड़ा हो गया है। एनएसयूआई समेत कई छात्र संगठनों ने सावरकर की मूर्ति पर सवाल उठाए हैं।




बताया जा रहा है कि विश्वविद्यालय की अनुमति के बगैर रातोंरात खंभे और सावरकर की प्रतिमा को यहां स्थापित किया गया। एबीवीपी के नेता और दिल्ली विश्वविद्यालय छात्रसंघ के अध्यक्ष शक्ति सिंह ने बुधवार को कहा कहा, “हमने प्रतिमा लगाने के लिए कई बार विश्वविद्यालय के अधिकारियों से अनुमति मांगी लेकिन हमारी मांग अनसुनी कर दी गई। इसके बाद हमने खुद प्रतिमा लगाने का फैसला किया।” उन्होंने कहा कि इसके लिए प्रशासन को कई बार पत्र भी लिखा गया था लेकिन प्रशासन ने उनकी मांग अनसुनी की थी।

परिसर में सावरकर की प्रतिमा लगाए जाने का विरोध कांग्रेस से जुड़े छात्र संगठन नेशनल स्टूडेंट्स यूनियन ऑफ इंडिया (एनएसयूआई) और वाम दल की छात्र इकाई ऑल इंडिया स्टूडेंट्स एसोसिएशन (आइसा) दोनों ने किया है। इन दोनों संगठनों का कहना है कि भगत सिंह, सुभाष चंद्र बोस के साथ सावरकर की प्रतिमा लगाकर एबीवीपी ने स्वतंत्रता सेनानियों का अपमान किया है।




एनएसयूआई की दिल्ली इकाई के अध्यक्ष अक्षय लाकरा ने कहा, “आप सावरकर को भगत सिंह और सुभाष चंद्र बोस के साथ नहीं रख सकते। अगर प्रतिमाएं 24 घटें के भीतर नहीं हटाई गईं तो हम विरोध प्रदर्शन शुरू करेंगे।” एनएसयूआई ने निंदा करते हुए डीयू को पत्र लिखकर कहा कि इस तरह की विभाजन करने वाली नीतियों और कदम के लिए अनुमति नहीं मिलनी चाहिए।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *