मोदी सरकार ने अल्पसंख्यकों खासतौर पर मुस्लिम युवाओं की पढ़ाई-लिखाई के लिए पिटारा खोल दिया है. अगले पांच साल में 5 करोड़ स्टूडेंट्स को ‘प्रधानमंत्री छात्रवृत्ति’ देने का एलान किया गया है. यानी हर साल एक करोड़ अल्पसंख्यक छात्र-छात्राओं की जिंदगी संवारने का लक्ष्य है. अल्पसंख्यक कार्य मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी के मुताबिक ‘3ई’ यानी एजुकेशन, एम्प्लॉयमेंट और एम्पावरमेंट हमारा लक्ष्य है. इसे पूरा करने के लिए हम परिश्रम कर रहे हैं.
मुस्लिम लड़कियों की शिक्षा को प्रोत्साहित करने के लिए ‘पढ़ो–बढ़ो’ अभियान चलाया जाएगा. लेकिन बड़ा सवाल यह है कि पढ़ाई-लिखाई के लिए पैसा मिलेगा कैसे? कौन इसके पात्र होंगे और कौन नहीं. हर स्कीम में सरकार की कुछ शर्तें होती हैं. ऐसी ही शर्तें इसके लिए भी रखी गईं हैं. उसे आपको हम बता रहे हैं.
मैट्रिक पूर्व स्कॉलरशिप योजना: यह स्कॉलरशिप सरकारी और मान्यता प्राप्त स्कूलों में कक्षा 1 से 10वीं में पढ़ रहे अल्पसंख्यक छात्रों को प्रदान की जाती है. कम से कम 30 फीसदी स्कॉलरशिप छात्राओं के लिए तय है. इसके हकदार वे स्टूडेंट होते हैं जिनके अभिभावक की इनकम सालाना 1.00 लाख रु. से अधिक न हो. स्टूडेंट ने पिछली कक्षा में कम से कम 50 फीसदी नंबर हासिल किए हों.
मैट्रिकोत्तर स्कॉलरशिप योजना: यह स्कॉलरशिप सरकारी और मान्यता प्राप्त स्कूलों, कॉलेजों में कक्षा 11वीं से पीएचडी स्तर तक पढ़ रहे अल्पसंख्यक छात्रों को दी जाती है. न्यूनतम 30 फीसदी स्कॉलरशिप लड़कियों के लिए तय है. इसका लाभ उन्हीं स्टूडेंट्स को मिलेगा जिनके माता-पिता की वार्षिक आय 2.00 लाख रुपये से अधिक न हो. साथ ही स्टूडेंट ने पिछली क्लास में कम से कम 50 परसेंट नंबर हासिल किए हों.
मेरिट-सह-साधन आधारित स्कॉलरशिप योजना: यह स्कॉलरशिप मान्यता प्राप्त संस्थानों में ग्रेजुएशन और पोस्ट ग्रेजुएशन स्तर पर व्यावसायिक और तकनीकी पाठ्यक्रमों की पढ़ाई के लिए दी जाती है. इसमें भी 30 फीसदी छात्राओं के लिए निर्धारित है. इस स्कीम में व्यावसायिक और तकनीकी पाठ्यक्रमों के लिए 85 संस्थान लिस्टेड हैं. जिनके लिए पाठ्यक्रम का पूरा खर्च दिया जाता है. इसका लाभ वही स्टूडेंट ले सकते हैं जिनके अभिभावक की सालाना आय 2.50 लाख रुपये तक हो. साथ ही स्टूडेंट ने पिछली क्लास में कम से कम 50 परसेंट अंक प्राप्त किए हों.
मौलाना आजाद राष्ट्रीय अध्येतावृत्ति योजना: यह स्कॉलरशिप नियमित और पूर्णकालिक एम. फिल और पीएचडी पाठ्यक्रमों का अध्ययन कर रहे शोध छात्रों को प्रदान की जाती है. मान्यता प्राप्त सभी विश्वविद्यालयों और संस्थानों में पढ़ाई करने वाले इसका लाभ उठा सकते हैं. इसमें भी 30 फीसदी लड़कियों के लिए तय है. उसी स्टूडेंट को इसका लाभ मिलेगा जिनके अभिभावक की वार्षिक आय 6.00 लाख रुपये से अधिक नहीं होगी.
बेगम हजरत महल राष्ट्रीय छात्रवृत्ति: यह स्कॉलरशिप अल्पसंख्यक समुदायों की मेधावी छात्राओं को 9वीं से 12वीं क्लास तक के लिए दी जाती है. पात्र होने के लिए छात्राओं के माता-पिता की सालाना आय 2.00 लाख रुपये तक होनी चाहिए. साथ ही छात्रा के नंबर पिछली क्लास में 50 फीसदी से कम नहीं होने चाहिए.
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