कमाई के चक्कर में घरेलू सिलेंडरों से अवैध रीफिलिंग करने वाले धंधेबाज मासूमों की जिंदगी भी दांव पर लगाने से नहीं हिचक रहे हैं। ऐसी ही लापरवाही चिनहट के देवा रोड पर स्थित गैस चूल्हा मरम्मत के नाम पर चल रही दुकान में बरती जा रही है। यहां मासूम बच्चों की जान जोखिम में डालकर घरेलू सिलेंडर से एलपीजी की चोरी का खेल करवाया जा रहा है।
सोमवार को देवा रोड पर स्थित दुकान में बच्चे रीफिलर और प्लास से घरेलू सिलेंडर से पांच किलो वाले छोटे सिलेंडर में गैस भरते मिले। मासूमों को इसका अंदाजा भी नहीं था कि इस दौरान हो रही लीकेज से उनकी जान तक जा सकती है। वहीं, गैस उनकी सेहत के लिए भी नुकसानदायक है।
सबसे चौंकाने वाली बात यह थी कि दुकान पर जब बच्चे गैस भर रहे थे, तब वहां कोई मौजूद भी नहीं था। ‘अमर उजाला’ के फोटोग्राफर को इस पूरे नजारे की तस्वीरें खींचते देख दुकानदार तुरंत पहुंचा। उसने बच्चों को दुकान से हटाकर अवैध रीफिलिंग में इस्तेमाल हो रहे उपकरण किनारे कर दिए।
एजेंसी हॉकरों की साठगांठ से चलता धंधा
एजेंसी हॉकरों से साठगांठ कर धंधेबाज आधा किलो से लेकर डेढ़ किग्रा तक घरेलू एलपीजी की चोरी कर इसे पांच किग्रा के छोटे व 19 किलो के व्यावसायिक सिलेंडर में भरकर मोटी कमाई करते हैं।
…पर जिम्मेदार तो सो रहे
डीएम कौशल राज शर्मा ने अवैध रीफिलिंग की रोकथाम के लिए नियमित छापेमारी का निर्देश एडीएम आपूर्ति व जिला पूर्ति अधिकारी को दिया है। इसके बाद भी जिला आपूर्ति कार्यालय के जिम्मेदार अवैध रीफिलिंग की रोकथाम को लेकर शिथिल बने हैं।
इससे बीते चार माह से एआरओ स्तर पर रोकथाम को गठित टीमें छोटी-मोटी कार्रवाई कर खानापूर्ति कर रही हैं। यही कारण है कि शहर के बंगलाबाजार, कृष्णानगर, आलमबाग, राजाजीपुरम, कैसरबाग, चौक, महानगर, जानकीपरम, गोमतीनगर, इंदिरानगर व चिनहट इलाके में अवैध रीफिलिंग का धंधा फल-फूल रहा है।
अवैध रीफिलिंग पर अंकुश लगाने को जिला पूर्ति कार्यालय और बाट-माप विभाग को जिम्मेदारी दी गई है। डीएम के निर्देश के बाद भी यह खेल चल रहा है। इसे लेकर जिम्मेदारों से स्पष्टीकरण मांगा जाएगा।-आरडी पांडेय, एडीएम, आपूर्ति