जिले में पोस्ट मैट्रिक छात्रवृत्ति का हाल बहुत ही खराब है। पहले आवेदन लेने में विभाग ने देरी की। आवेदन लेने के बाद पोर्टल से खाता संख्या गायब हो गया। इसमें सुधार करने में कई महीने लग गए। अब जाकर छात्र-छात्राओं को पोस्ट मैट्रिक छात्रवृत्ति देने की प्रक्रिया शुरू की गई है। आवेदकों के खाते में एक सप्ताह के अंदर राशि भेज दी जाएगी। इसके लिए शुक्रवार से एडवाइस बनाना शुरू कर दिया गया है।
सत्र 2017-18 के लिए छात्र-छात्राओं से वर्ष 2017 की जगह मार्च 2018 में आवेदन लेना शुरू हुआ। विभाग की बेवसाइट पर ऑनलाइन आवेदन शुरू हुआ। बेवसाइट पर आवेदकों का खाता संख्या नहीं दिखाई दे रहा था। इसके कारण खाते में राशि भेजने की प्रक्रिया रोक दी गई। गड़बड़ी सुधारने के बाद 16 अगस्त से सभी आवेदकों का खाता संख्या दिखाई देने लगा। जिले से अनुसूचित जाति व जनजाति के 2740 और पिछड़ा व अतिपिछड़़ा वर्ग के 7201 छात्र-छात्राओं ने आवेदन किए थे।
जिले के आवेदकों को राशि भेजने से पहले विभाग की ओर से पूरी पड़ताल की जाएगी। कल्याण अधिकारी ने बताया कि छात्रवृत्ति में फर्जीवाड़ा नहीं हो, इसको लेकर पूरी पारदर्शिता बरती जाएगी। दो दिनों में यह काम पूरा कर एडवाइस बना लिया जाएगा।
पोस्ट मैट्रिक छात्रवृत्ति के लिए छात्र-छात्राओं ने मार्च महीने में ही ऑनलाइन आवेदन किया था। पूरे राज्य के आवेदकों का खाता संख्या पोर्टल में गड़बड़ी से नहीं दिख रहा था। विभाग ने इसे सुधार दिया है। अब खाता संख्या दिखने पर जिले के आवेदकों के खाते में एक सप्ताह के अंदर राशि भेज दी जाएगी।