कहते हैं कि जब कुछ पाने का जुनून हो तो कितनी भी मुश्किलें आएं लेकिन मंजिल मिल ही जाती है. ऐसा ही कुछ सच साबित कर दिखाया है गुरुग्राम की निधि सिवाच ने. निधि ने सिविल सेवा परीक्षा साल 2018 में रैंक 83 हासिल की है लेकिन ये सफर उनके लिए बिल्कुल आसान नहीं था. दरअसल उनके पिता ने शर्त रख दी थी कि अगर वे प्री या मेन्स किसी भी एग्जाम में फेल हो जाती हैं तो वे उनकी शादी करा देंगे लेकिन पिता की इस शर्त के सामने निधि ने हार नहीं मानी और आखिरकार उन्होंने अपने ख्वाब को पूरा कर लिया.
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, निधि ने साल 2015 में मैकेनिकल इंजीनियरिंग से ग्रेजुएशन किया था. इसके बाद उन्होंने हैदराबाद में टैक महिंद्रा में नौकरी की थी. वे यहां एक अच्छी पोस्ट पर काम कर रही थीं. हालांकि, कॉलेज टाइम तक उन्होंने सोचा था कि वह डिजाइन या फिर डिफेंस के फील्ड में जाएंगी. निधि कहती हैं- जब मैं एफकैट का इंटरव्यू दे रही थी तब मुझसे इंटरव्यू लेने वाले सर ने कहा तुम्हें सिविल सर्विस की तैयारी करनी चाहिए. बस इसके बाद से ही मैंने तैयारी करने के बारे में सोचा.
छोड़ दी जॉब
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक निधि ने टैक महिंद्रा की जॉब छोड़ दी. इसके बाद हैदराबाद छोड़कर वे अपने घर वापस आ गईं. हालांकि जॉब के दौरान भी वे कुछ न कुछ पढ़ती रहती थीं लेकिन घर आने के बाद पूरी तरह तैयारी से शुरू कर दी.
बिना कोचिंग के की तैयारी
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक निधि ने बिना कोचिंग के पढ़ाई की. इस बारे में निधि का कहना है कि कुछ लोगों को लगता है कि सिविल सर्विसेज की तैयारी के लिए कोचिंग करना जरूरी है. दिल्ली में कोचिंग करना जरूरी है. दोस्तों का ग्रुप होना चाहिए लेकिन मैं मानती हूं कि ये सभी बातें मिथ हैं. ऐसा बिल्कुल भी नहीं है. बस कोशिश सच्ची होनी चाहिए.
पापा ने रख दी थी शर्त
निधि जब तैयारी कर रही थीं तो उनके पिता ने साफ कह दिया था कि अगर वे किसी भी एग्जाम में फेल हो जाती हैं तो उनकी शादी करा देंगे. हालांकि ऐसा नहीं था कि वे निधि के पढ़ाई के खिलाफ थे लेकिन सामाजिक दबाव के चलते वे चाहते थे कि बेटी की शादी करा देंगे.
छह महीने तक नहीं देखा घर का दरवाजा
पापा की इस शर्त के बाद निधि पूरी तरह से तैयारी में जुट गईं. निधि के मुताबिक तैयारी के दौरान छह महीने तक तो उन्होंने घर का दरवाजा नहीं देखा था. जैसे वे अपने कमरे में कैद हो गई थीं.
भीग गई थी आंसर शीट
एग्जाम का अनुभव शेयर करते हुए निधि ने मीडिया को बताया कि, मेरा मेन्स का पहला एग्जाम था. मैं निबंध लिख रही थीं. मैंने आधे घंटे बॉडी सट्रक्चर बना लिया था और लिखने वाली थी. मैं एक पेज लिख चुकी थी, तभी जो मेरे पीछे बैठे थे उन्होंने गलती से पानी मेरी आंसर शीट में गिरा गया. मेरी पूरी आंसर शीट भीग गई थी. इस वजह से मेरे 15 से 20 मिनट खराब हो गए थे. मैं हार मारने वाली थी, लेकिन ये एग्जाम आपकी धैर्य की भी परीक्षा लेता है. आज परिणाम सबके सामने हैंं.