फेफड़े के कैंसर से बचा सकता है अंगूर में पाया जाने वाला यौगिक

नई दिल्ली, आइएएनएस। अंगूर और उसके बीज में पाया जाने वाला यौगिक ‘रेसवेराट्रॉल’ फेफड़े के कैंसर से रक्षा कर सकता है। फेफड़े का कैंसर सबसे खतरनाक और प्राणघातक कैंसर में से एक है। 80 फीसद लोग धूमपान के कारण इसका शिकार हो जाते हैं। वैज्ञानिकों का कहना है कि इससे बचने के लिए धूमपान को नियंत्रित करने के साथ ही कुछ परहेज भी जरूरी है।

यूनिवर्सिटी ऑफ जेनेवा के वैज्ञानिकों ने पाया कि सिगरेट में पाए जाने वाले कार्सिनोजेन से होने वाले कैंसर से रेसवेराट्रॉल नामक यौगिक रक्षा कर सकता है। चूहों पर किए गए शोध में रेसवेराट्रॉल के साथ उचित उपचार करने पर ट्यूमर में 45 फीसद तक कमी पाई गई। वैज्ञानिकों का कहना है कि फेफड़े के कैंसर से पीडि़त व्यक्ति पर भी रेसवेराट्रॉल का सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा।




ब्लड प्रेशर के कारण का पता लगाएगा एआइ सिस्टम

वैज्ञानिकों ने एक ऐसा आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस सिस्टम विकसित किया है जो प्रत्येक व्यक्ति के ब्लड प्रेशर और उसके बढ़ने या घटने का कारण पता लगा सकता है। इस एआइ सिस्टम को विकसित करने वाले शोधकर्ताओं में एक भारतवंशी भी शामिल हैं। यह सिस्टम पहने जा सकने वाले उपकरणों से लिए गए डाटा का विश्लेषण कर ब्लड प्रेशर और उसके कारणों का पता लगाता है। इससे प्रत्येक मरीज को उनके लक्षण के मुताबिक इलाज देना संभव होगा।

आमतौर पर डॉक्टर ब्लड प्रेशर के मरीजों को व्यायाम करने, अच्छी नींद लेने जैसी कई सलाह देते हैं। इन सभी का पालन करना कई बार कठिन हो जाता है। प्रत्येक मरीज के ब्लड प्रेशर को प्रभावित करने वाला कारक अलग होता है। इसी कारण से उसे नियंत्रित करने के लिए अलग उपाय भी किए जाने चाहिए। नई एआइ तकनीक इसमें मदद कर सकती है।

यूनिवर्सिटी ऑफ कैलिफोर्निया के शोधकर्ताओं ने वायरलेस ब्लड प्रेशर मॉनिटर से 90 दिनों तक आठ मरीजों का डाटा इकट्ठा किया। एआइ तकनीक से उनके ब्लड प्रेशर को प्रभावित करने वाले कारक का पता लगाया गया। जिन मरीजों का ब्लड प्रेशर अधिक देर तक बैठने या गलत समय पर सोने के कारण प्रभावित हो रहा था उन्हें अपनी उन आदतों में बदलाव करने की सलाह दी गई। इससे मरीजों के ब्लड प्रेशर में काफी सुधार हुआ।



Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *