लोकसभा चुनाव 2019 से पहले मोदी सरकार से जनता को एक के बाद एक सौगातें मिल रही हैं. चुनाव से पहले सरकार हर वर्ग को खुश कर देना चाहती है ताकि चुनाव में पार्टी की राह आसान हो. इसी कड़ी में अब घर खरीदारों को बड़ा तोहफा दिया गया है.
दरअसल घर खरीदारों को खुश करने की कोशिश में सरकार काफी समय से जुटी थी. लगातार रणनीतियां बनाई जा रही थीं कि कैसे घर खरीदारों को राहत देकर उनकी उम्मीदें पूरी की जाएं. अब गुड्स एंड सर्विस टैक्स (GST) काउंसिल की बैठक में रियल एस्टेट से जुड़े एक के बाद एक दो बड़े फैसले लिए गए हैं. चुनाव से पहले इसे मोदी सरकार का एक और बड़ा दांव माना जा रहा है.
इससे पहले पिछले हफ्ते बुधवार को हुई बैठक में इस फैसले को अंतिम रूप देने की तैयारी थी. लेकिन किस वजह से मामला अटक गया था. हालांकि वित्त मंत्री अरुण जेटली ने संकेत दे दिया था कि रविवार को होने वाली जीएसटी काउंसिल की बैठक में इसपर फैसला ले लिया जाएगा.
वित्त मंत्री अरुण जेटली की अगुवाई में हुई जीएसटी काउंसिल की बैठक में निर्माणाधीन (अंडर कंस्ट्रक्शन) परियोजनाओं में मकानों पर जीएसटी की दर 12 फीसदी से घटाकर 5 फीसदी कर दी गई, साथ ही इसमें इनपुट टैक्स का लाभ भी खत्म करने का फैसला लिया गया.
काउंसिल ने बताया कि कैसे मेट्रो शहर और छोटे शहर के घर खरीदार इस छूट का फायदा उठा सकते हैं. नियम के मुताबिक महानगरों (मेट्रो शहर) में 45 लाख रुपये तक की लागत वाले और 60 वर्ग मीटर क्षेत्रफल के मकानों को इस कैटेगरी में रखा जाएगा. जबकि छोटे-मझोले शहरों में 90 वर्ग मीटर तक के मकान इस कैटेगरी के अंदर आएंगे. आवासीय परियोजनाओं के लिए GST की ये दरें एक अप्रैल, 2019 से लागू होंगी.