क्रिकेटर गौतम गंभीर के ट्वीट से छूटे अफसरों के पसीने, मोदी के अभियान से जुड़ा था मामला

नई दिल्ली (जेएनएन)। देश की राजधानी दिल्‍ली में हाल ही में आयोजित एक कार्यक्रम में माथे पर बिंदी और दुपट्टा ओढ़े हुए नजर आकर हैरान करने वाले क्रिकेटर गौतम गंभीर एक बार फिर चर्चा में हैं। दरअसल, इस बार गौतम गंभीर ने गंदगी का वीडियो साझा कर तंज कसा है। स्वच्छता के ब्रांड एंबेसडर रहे क्रिकेटर गौतम गंभीर ने स्वच्छता अभियान पर तंज कसते हुए डलाव घर के बाहर जमा कूड़े का वीडियो सोशल मीडिया पर शेयर किया है। इसके बाद हरकत में आई उत्तरी नगर निगम ने कूड़े का ढेर हटवाया। बता दें कि स्वच्छता अभियान पर पीएम नरेंद्र मोदी का खास फोकस है। इस बाबत 15 सितंबर से दो अक्टूबर तक ‘स्वच्छता ही सेवा’ अभियान भी शुरू किया गया है।

गंभीर ने सोमवार की दोपहर सर गंगा राम अस्पताल के नजदीक के डलाव घर का वीडियो ट्विटर पर साझा किया। गंभीर ने लिखा कि यह तस्वीर स्वच्छ भारत अभियान का गला घोट रही है और राजेंद्र नगर की यह स्थिति स्वच्छता अभियान का मजाक उड़ा रही है।

जैसे ही यह वीडियो गौतम गंभीर ने ट्वीट किया उसके बाद भाजपा से लेकर आम आदमी पार्टी (आप) के नेताओं ने यह वीडियो को रिट्वीट करने के साथ निगम को भी टैग करना शुरू कर दिया। इसके बाद निगम प्रशासन को जब इसकी जानकारी मिली तो आनन-फानन में डलाव घर की सफाई के निर्देश जारी कर दिए।




इसके बाद निगम ने डलाव की सफाई करने के बाद फोटो ट्विटर पर शेयर करते हुए गौतम गंभीर को धन्यवाद भरा ट्वीट किया। निगम के एक अधिकारी के मुताबिक ट्विटर सेवा इसलिए शुरू की गई है कि जहां पर भी खामी है नागरिकों से उसका फीडबैक लेकर उसे ठीक किया जाए।

इसके बाद महापौर आदेश गुप्ता ने भी निगम द्वारा की गई सफाई की सरहाना की। पिछले सप्ताह उत्तरी दिल्ली नगर निगम के महापौर आदेश गुप्ता ने ट्विटर पर निगम की समस्याओं के समाधान के लिए ट्विटर सेवा शुरू की थी। गुप्ता ने अपील की है कि नागरिक इस पर अपनी समस्याओं को साझा करें। 24 घंटे के भीतर उसका समाधान किया जाएगा।

इससे पहले गौतम गंभीर अपने माथे पर बिंदी और सिर पर दुपट्टा व शरीर पर साड़ी को लेकर खबरों में रहे। दरअसल, गौतम ने यह रूप देश में ट्रांसजेंडर्स के साथ समानता की आवाज उठाने के लिए बनाया था और इसे सोशल मीडिया पर खूब सराहना भी मिली थी।

गौतम का मानना है कि ट्रांसजेंडर को अक्सर समाज में भेदभाव का सामना करना पड़ता है और ये लोग हिंसा का भी शिकार होते हैं। उन्होंने कहा कि इन लोगों को अपने से अलग या कुछ भी समझने से पहले हमें सिर्फ इतना याद रखना चाहिए कि ये भी सबसे पहले इंसान हैं।

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