एक लाख की आबादी का संपर्क टूटा, खतरे में चार दर्जन गांव

शाहजहांपुर : मिर्जापुर क्षेत्र में रामगंगा की विकराल बाढ़ मुसीबत बनी हुई है। सैलाब से घिरे दर्जनों गांवों में जन्माष्टमी का पर्व नहीं मनाया जा सका। लोग परेशानी में सब कुछ भूल गए। परौर में दोबारा से कटान शुरू होने पर क्षेत्र के लोग परेशान है। यहां से ¨सचाई विभाग की बचाव टीम भी गायब है। इससे लोग अनहोनी की आशंका से बेचैन हैं।

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एक लाख की आबादी का संपर्क टूटा, इन गांवों को बढ़ा खतरा रामगंगा की बाढ़ से पूरा क्षेत्र घिर गया है। चार दर्जन गांव खतरे में है। लोग प्रशासन की मदद की बाट जोह रहे हैं। क्षेत्र के आजाद नगर, वोना नगला, चितार इस्माइलपुर, कम्बरपुर, पहरुआ, टेड़ा मौजमपुर, अतरीं निजामपुर नवादा, बिघापुर, सिठोली, विजय नगर, देवनगर, रामनगर, गंगानगर, शिशुपाल नगर, पहाड़पुर, चिकटिया, कुनिया हीरानगर, शाहनजीरपुर, ¨सगापुर, गुलाबनगर, सिगाह युसुफपुर, मंझरा, रजेरायपुर, नगलापिपरिया, दोषपुर थोक, पिपरिया पठकपूरा, सलसिकन्दरपुर, आलमगंज गुलरिया, मंझाराबढऊं, कालिकगंज, छपर, मंशा नगला, ओरंगाबाद, गोकुल नगला नयी बस्ती, मिर्जापुर, आजाद नगर, पंखिया नगला, मस्जिद नगला, चौरा शरीफपुर, चिछनि तथा उत्तर पैलानी को रामगंगा व गंगा की बाढ़ ने चारों तरफ से घेर लिया। क्षेत्र की करीब एक लाख की आबादी का ब्लॉक से संपर्क टूट गया। ग्रामीणों को आने जाने में दिक्कत आ रही है। ——————-

बाढ़ पीड़ितों के लिए राहत सामग्री नाकाफी साबित हो रही है। समय से राहत सामग्री भी नहीं पहुंच पा रही। अतरीं गांव पहरुआ, मौजमपुर, नबादा आदि गांवों में अभी तक राहत सामग्री नही बांटी जा सकी। इससे कई घरों में भोजन भी नहीं बन पा रहा। यही हाल जरीयनपुर के जाटव मुहल्ला का है।

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पांच किमी का क्षेत्र जलमग्न

रामगंगा व गंगा की बाढ़ से 5 वर्ग किलोमीटर का क्षेत्र जलमग्न है। बाजरा व मेंथा की फसल नष्ट हो चुकी है। तिली की फसल पूरी तरह बर्बाद हो चुकी।

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कलान : रामगंगा की लहरों ने परौर में फिर से कटान शुरू कर दिया है । बचाव कार्य भी बंद है । नहर विभाग की टीम भी मौके से गायब है। एसडीएम सीपी सरोज ने बाढ़ क्षेत्र का भ्रमण कर जायजा लिया।

वही जलालाबाद रोड के किनारे कसारी गांव के लोग अशियाना बनाए हुए है । रामगंगा के जलस्तर में कुछ गिरावट है है, लेकिन लहरों से कटान तेज हो गया है। परौर गांव में जयपाल, सत्यवीर, दोदराम के खेत कट रहे हैं। धान बाजारा समेत अन्य लहलहाती फसलें नदी में समा रही है । कटान होने से ग्रामीणों की नीद उड़ गई है । परौर गांव समेत ऐतिहासिक राजमहल को भी खतरा बढ़ गया है। जेई राजेश कुमार के नेतृत्व में लगी ¨सचाई विभाग की टीम गायब है। दहलिया, गहवरा, कीलापुर, पहरऊआ में भी भूमि कटान हो रहा है। कोलाघाट के पास भी तेजी से कटान हो रहा है। पशुओं के चारे का संकट भी बढ़ गया है। पूर्व सूबेदार मेजर धर्मेंद्र ¨सह की ने अफसरों से स्थिति से अवगत कराया।

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