जरूरत की खबर- दवाइयां हैं संजीवनी बूटी:बीमार होने पर ही खाएं, इन जगहों से खरीदें सस्ती दवाइयां, खरीदते समय न बरतें लापरवाही

गुजरात की एक दवा कंपनी के कफ सिरप पर रोक लगा दी गई है। आरोप है कि इस कफ सिरप में खतरनाक केमिकल पाए गए हैं, जो शरीर को नुकसान पहुंचा सकते हैं।

गुजरात के खाद्य एवं औषधि नियंत्रण विभाग ने कफ सिरप के उत्पादन को रोकने का आदेश जारी किया है। साथ ही कंपनी को दवा का प्रोडक्शन बंद करने और बाजार में मौजूद सिरप को वापस लेने का आदेश दिया गया है। WHO ने भी इस कफ सिरप को खतरनाक बताया था।

आज जरूरत की खबर में जानेंगे कि दवाइयां खरीदते समय किन बातों का ध्यान रखना चाहिए, असली-नकली दवाई की पहचान कैसे करें और सस्ते में अच्छी दवाइयां कहां मिलती हैं।




सवाल: दवाइयां खरीदते समय किन बातों का ध्यान रखना चाहिए?
जवाब: 
दवाइयां संजीवनी बूटी की तरह काम करती हैं। इसलिए दवा खरीदते समय जरा सी भी लापरवाही नहीं बरतनी चाहिए। मेडिकल स्टोर से दवा खरीदने से पहले जिन बातों का ध्यान रखना चाहिए, उसे नीचे लगे क्रिएटिव से समझते हैं।




सवाल: अनजान जगह से दवाई खरीदने पर कैसे चेक करें कि दवा असली है या नकली?
जवाब: 
दवाइयों की पैकिंग पर भी एक यूनिक कोड प्रिंट होता है। दवा कंपनियों को अपनी प्राइमरी या सेकेंडरी पैकेजिंग पर एक बारकोड या क्यूआर कोड को लगाना जरूरी होता है, जिसे अपने स्मार्टफोन से आप स्कैन करके यह पता लगा सकते हैं कि दवा असली है या नकली।

दवा खरीदने से पहले इस बात का ध्यान रखें कि असली दवाइयों पर यूनीक कोड प्रिंट होता है।

इस कोड में दवा की मेन्युफैक्चरिंग डेट और लोकेशन से लेकर सप्लाई चेन तक की पूरी जानकारी लिखी होती है।

इस लिस्ट में एंटीबायोटिक, पेन रिलीफ पिल्स, एंटी एलर्जिक दवाईयां शामिल हैं। ऐसे में जब भी दवा खरीदें तो उस पर बना क्यूआर कोड स्कैन करना न भूलें।

इससे दवा की पूरी जानकारी आपको आसानी से मिल जाएगी और आप पता लगा पाएंगे कि दवाई असली है या नहीं।

सवाल: क्या ऐसा कोई ऑप्शन है, जहां से हम सस्ती दवाइयां खरीद सकें?
जवाब:
 ऐसे बहुत सारे ऑप्शन हैं जिसे इस्तेमाल कर आप सस्ती दवाइयां खरीद सकते हैं। जैसे-




  • सरकार ने हर छोटे-बड़े शहर में जन औषधि केंद्र खोले हैं, जहां से जेनेरिक दवाइयां खरीद सकते हैं। इनकी कीमत कम होती है।
  • मेडिकल स्टोर वाले 15% से 20% तक की छूट ब्रांडेड दवाइयां पर भी देते हैं, आप ऐसी किसी दुकान को चुनें जो आपको ज्यादा छूट दें।
  • सरकारी अस्पताल, डिस्पेंसरी और चिकित्सा केंद्र से भी सस्ती दवाइयां ले सकते हैं।
  • ऑनलाइन कई वेबसाइट हैं जो दवाइयां डिस्काउंट रेट पर देती हैं। वहां से खरीद सकते हैं।




सवाल: जन औषधि केंद्र का कैसे पता करें?
जवाब: 
देश में जन औषधि केंद्र खोले जा चुके हैं, ऐसे में आप गूगल सर्च करके पता कर सकते हैं कि आपके घर के पास कौन सा जन औषधि केंद्र है।

जन औषधि केंद्र का ऐप भी प्ले स्टोर पर है। ‘जन औषधि सुगम’ यानी Jan Aushadhi Sugam। इसे मोबाइल पर डाउनलोड कर लें। इस एप्लिकेशन की मदद से आपकी लोकेशन के पास बने जन औषधि केंद्र का पता लगा सकते हैं।

इसके साथ जन औषधि जेनेरिक दवाओं की खोज, कौन सी दवा अवेलेबल है या नहीं, MRP, जेनेरिक और ब्रांडेड दवाओं की तुलना भी कर सकते हैं।

सवाल: ऑनलाइन मेडिसिन ऐप के कुछ नाम बताएं जहां से सस्ती दवाइयां खरीद सकते हैं?
जवाब:
 कुछ कॉमन वेबसाइट के नाम नीचे लिखें हैं, जैसे

Netmeds, 1mg, Pharmeasy, Apollo 24×7, Practo, MedLife, MedGreen, Truemeds, MedPlus Mart, IndiaMART

यहां से दवा खरीदने से पहले वेबसाइट की ऑथेंसिटी जरूर चेक करें।

सवाल: ऑनलाइन दवा ऑर्डर करना क्या सेफ है?
जवाब: 
ड्रग्स कंट्रोल मीडिया सर्विसेज के सी.बी.गुप्ता कहते हैं कि ऑनलाइन दवा मंगवाने से पहले 4 बातें याद रखें…




  • भरोसेमंद वेबसाइट से ही दवा ऑर्डर करें।
  • जो साइट्स डॉक्टर के प्रिस्क्रिप्शन के बिना दवा नहीं बेचती, उनसे ही दवाइयां मंगवाएं।
  • रिर्टन पॉलिसी वेबसाइट की चेक करें, अगर वापसी का ऑप्शन नहीं तो दवा न मंगवाएं।
  • क्वालिटी या कीमत पर अगर कोई सवाल है तो कस्टमर केयर से बात करें।

जिन लोगों ने ऑनलाइन दवाइयां घर पर मंगवा ली हैं, वो कुछ जरूरी चीजें चेक करके आसानी से पता लगा सकते हैं कि दवाइयां सही हैं या फिर नहीं।




घर में दवाइयां हैं, जानें-रख-रखाव का सही और सुलभ तरीका

  1. दवाइयां बच्चों की पहुंच से दूर रखें।
  2. दवाइयां को एक बंद डिब्बे में रखें।
  3. मेडिसिन बॉक्स में रखी दवाइयों की एक्सपायरी हर महीने चेक करें।
  4. दवाइयां जैसे- सीरप, ड्रॉप, लोशन, दवाई के पत्ते सभी एक जगह न रखें।
  5. खाने वाली दवाइयां एक साथ रखें और लोशन, ड्रॉप इन्हें एक अलग जगह रखें।
  6. जो दवा की कांच की शीशी में है, उसे बाकी दवाइयों से अलग सुरक्षित जगह पर रखें।
  7. हर दवा को फ्रिज में रखने की जरूरत नहीं होती है। इसलिए दवा पर लिखी एडवाइज पढ़ें।
  8. दवाओं को एक शीशी से दुसरी शीशी में ट्रांसफर न करें, इससे दवा का प्रभाव नष्ट हो जाता हैं। अंधेरे में टटोल कर कोई भी दवा न खाएं।
  9. घर में रखी किसी भी प्रकार की जहरीली दवा को इस्तेमाल की जाने वाली दवा के पास न रखें।
  10. दवाओं की खाली शीशी, बोतल आदि कबाड़ी को न बेचें। इससे नकली दवा बनाने वालों को फायदा मिलता है। इस्तेमाल के बाद इन्हें हमेशा नष्ट कर दें, दवाओं को हमेशा बच्चों की पहुंच से दूर रखें।




चलते-चलते…

दवाई और सेहत से जुड़ी खास बातें

  • दूसरों के पर्चे की दवा से खुद का इलाज न करें। कई बार इसके गंभीर परिणाम भी हो सकते हैं। बीमारी भले ही एक जैसी हो, लेकिन ये जरूरी नहीं, कि पेशेंट की मेडिकल हिस्ट्री और कंडीशन भी एक जैसी ही हो।
  • अधूरा इलाज खतरनाक होता है। जैसे- ब्लड प्रेशर की दवा बंद करने पर ब्लड प्रेशर दोबारा बढ़ सकता है। इसी तरह डायबिटीज, टीबी, अस्थमा बीमारियों में अधूरा इलाज काफी परेशानी देता है।




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