केंद्र सरकार और किसान संगठनों के बीच शुक्रवार को एक बार फिर बातचीत का दौर चला. सुप्रीम कोर्ट द्वारा बनाई गई कमेटी के बाद सरकार-किसान के बीच हुई ये पहली बैठक थी, लेकिन इस बार भी कुछ अलग नहीं दिखा. किसान संगठनों की ओर से अब भी कृषि कानून वापस लेने की मांग की जा रही है, जबकि सरकार संशोधनों का हवाला दे रही है. सरकार और किसान संगठनों के बीच अब अगली बैठक 19 जनवरी को होगी.
सरकार और किसान संगठनों की बैठक खत्म
सरकार और किसान संगठनों की बैठक खत्म हो गई है. ये नौवें दौर की बातचीत थी. आज की बैठक भी बेनतीजा रही. अब 19 जनवरी को दोपहर 12 बजे सरकार और किसानों की फिर बैठक होगी.
कृषि मंत्री बोले- सरकार बातचीत से हल निकालना चाहती है
कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि कृषि कानूनों को लेकर सरकार और किसानों के बीच जारी बैठक में लंच ब्रेक के पहले तक कोई समाधान नहीं निकला. एमएसपी गारंटी पर चर्चा ब्रेक के बाद होगी. उन्होंने कहा कि सरकार किसानों के आंदोलन को लेकर सुप्रीम कोर्ट के आदेश का स्वागत करती है. सरकार कमेटी के सामने अपना पक्ष रखेगी. हम बातचीत से हल निकालना चाहते हैं.
बातचीत से ही हल निकालेंगे: राकेश टिकैत
किसान नेता राकेश टिकेत ने कहा कि बैठक में किसान संगठनों ने सरकर से कहा कि सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित कमेटी स्वीकार नहीं है. किसान संगठन और सरकार ने तय किया है कि बातचीत जारी रहेगी और बातचीत से ही हल निकालेंगे. किसान संगठनों का कहना है कि लंच के बाद एमएसपी और तीनी कृषि कानूनों पर चर्चा करेंगे.
किसानों और सरकार में क्या बनेगी बात?
सरकार और किसानों के बीच तीनों कानूनों को लेकर गतिरोध अभी बना हुआ है. कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि हम तीनों कानूनों को वापस नहीं लेंगे, लेकिन हम संशोधन करने को तैयार है. जबकि बैठक में किसानों ने सख्त रुख अपनाया और कहा कि तीनों कानून तो वापस लेने पड़ेंगे उससे कम हम मानेंगे नहीं.
बैठक में कृषि मंत्री की ओर से किसानों को गिनाया गया कि देश में बड़े स्तर पर किसान कानून के समर्थन में हैं, जबकि किसानों ने कहा कि फिर भी देशभर में प्रदर्शन हो रहा है. कृषि मंत्री के अलावा पीयूष गोयल ने भी बैठक में कृषि कानूनों से जुड़े फायदों को गिनाया.